उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तिथियों की भले ही घोषणा न हुई हो, लेकिन अभी से सियासत तेज हो गई है. विपक्ष के पार्षद अधिकारियों और सत्तापक्ष को घेरने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं. इसी क्रम में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के नगर निगम के मुख्यालय पर कांग्रेसी पार्षदों ने नगर आयुक्त के दफ्तर के बाहर अनोखे ढंग से विरोध किया. पार्षदों ने घुटने और कोहनी के बल रेंगकर विरोध दर्ज कराया.
वाराणसी के सिगरा इलाके में स्थित नगर निगम के मुख्यालय पर कांग्रेस दल के लगभग एक दर्जन पार्षद अपने घुटने और कोहनी के बल पर नगर आयुक्त के कार्यालय के बाहर गैलरी में रेंगते हुए नजर आए. इस दौरान कांग्रेस पार्षदों ने अपनी मांग भी रखी. सभी ने कहा कि इस वर्ष शासन की तरफ से क्षेत्र में विकास के लिए आवंटित 10-10 लाख रुपए से कोई भी कार्य शुरू नहीं हुआ है.
काम नहीं होने से जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है. यदि वक्त रहते काम शुरू नहीं हुआ, तो बजट में पास पैसा वापस चला जाएगा. जिन प्रतिनिधियों को जनता अपना नुमाइंदा बनाकर सदन भेजती है, अगर वही अपने घुटने और कोहनी के बल पर रेंगने लगेंगे, तो जनता की आवाज ऊपर कैसे पहुंचेगी.
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हमारी चप्पल घिस गई हैं : कांग्रेस पार्षद
विरोध करने वाले पार्षदों ने कहा कि पैदल चलते-चलते उनकी चप्पल तक घिस गई हैं. इसलिए वह घुटने और कोहनी के बल चलना पड़ा है. इस वर्ष अप्रैल माह में बजट का 10-10 लाख रुपए क्षेत्र में विकास के लिए पास हो जाने के बाद भी अभी तक विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है. अभी तक विकास कार्यों का टेंडर तक नहीं कराया गया है.
कांग्रेस पार्षदों की छवि हो जाएगी धूमिल
पार्षदों ने बताया कि शासन की तरफ से बजट के मिले रुपए से विकास कार्य शुरु नहीं हुए हैं. चुनाव आचार संहिता लगते ही आवंटित पैसा शासन के पास वापस चला जाएगा और कांग्रेस के पार्षदों की छवि भी धूमिल हो जाएगी.
सरकार पर मुस्लिम पार्षदों के साथ भेदभाव का आरोप
विरोध प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस के मुस्लिम पार्षदों ने सरकार पर उनके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. पार्षदों ने यह भी कहा कि है कि वाराणसी के वरुणापार और भेलूपुर जोन को छोड़कर बाकी सभी जोन में टेंडर फाइल रोकी गई है. इसमें आदमपुर, कोतवाली और दशाश्वमेध जोन के लगभग 60 वार्ड में टेंडर का काम रोका गया है.