उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में नसबंदी कैंप में ऑपरेशन से पहले 10 महिलाओं को इंजेक्शन लगाकर एनेस्थीशिया दिया गया. इसके बाद नसबंदी टीम के डॉक्टर को कुछ उलझन हुई, तो बिना ऑपरेशन किए वह अपनी टीम लेकर वापस चले गए. इंजेक्शन लगने के बाद महिलाएं बेहोश होने लगीं, तो मौके पर अफरा-तफरी मच गई.
मामला रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां शुक्रवार को नसबंदी कैंप लगा था. इसमें 19 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया था. इसमें से 10 महिलाओं को एनेस्थीशिया का इंजेक्शन लगाया गया. मुख्यालय से आई हुई डॉक्टरों की स्पेशल टीम ने नसबंदी ऑपरेशन से पहले बेहोशी के लिए इंजेक्शन दिया, तो वह सब बेहोश होने लगीं.
महिलाओं के बेहोश होने पर परिजनों ने किया हंगामा
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इतने में ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर अजीत को ऑपरेशन करने में उलझन होने लगी. इसके बाद वह अपनी टीम लेकर वापस मुख्यालय चले गए. 10 महिलाएं काफी देर तक बेहोश रहीं और डॉक्टरों की टीम ऑपरेशन करने नहीं आई. इसके बाद महिलाओं के परिजन हंगामा करने लगे. फिर मौके पर मौजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर हेमंत कुमार ने परिजनों से कहा कि अभी आप पेशंट को ले जाएं. अगली तारीख में कैंप लगेगा, तो उसमें आइएगा.
ऑपरेशन नहीं करना था, तो क्यों लगाया इंजेक्शन- परिजन
इसके बाद परिजनों ने बेहोशी की हालात में ही महिलाओं को घर लेकर चले गए. वहीं, परिजनों का कहना है कि डॉक्टर साहब को ऑपरेशन नहीं करना था, तो 4-5 इंजेक्शन क्यों लगा दिया? सब बेहोश हैं. पता नहीं चल रहा है कि डॉक्टर कहां चले गए. बेहोशी की हालत है, समझ नहीं आ रहा है कि घर कैसे ले जाएं.
थोड़ी देर में खत्म हो जाता है एनेस्थीशिया का असर- डॉक्टर हेमंत
मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर के प्रभारी डॉक्टर हेमंत ने बताया, “आज हमारे यहां नसबंदी कैंप था. इसमें 19 महिलाएं आई थीं. 10 महिलाओं की ऑपरेशन की तैयारी की गई. एनेस्थीशिया का इंजेक्शन लगाने के बाद डॉक्टर अजीत को उलझन होने लगी और वह अपनी टीम के साथ वापस चले गए. एनेस्थीशिया का इंजेक्शन का असर थोड़ी देर में खत्म हो जाता है. फिर ये महिलाएं सामान्य स्थिति में आ जाएंगी.”