राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में एक ही दिन में चुनाव कराने के फैसले पर सहमति हो गई है. पाकिस्तान की गठबंधन सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने देश भर में कार्यवाहक सरकारों के तहत एक साथ चुनाव कराने पर सहमति जताई है. हालांकि अभी भी चुनाव की तारीख को लेकर सहमति नहीं बन पाई है, लिहाज इस इलेक्शन के लिए कोई तय तारीख अभी तय नहीं है.
पाकिस्तान में चुनाव को लेकर डेडलॉक की स्थिति
प्रांतीय और संघीय चुनावों के समय पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार और मुख्य विपक्षी दल के बीच रात भर चली बातचीत के बाद एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा निर्णय की घोषणा की गई. इस निर्णय के बाद पाकिस्तान में कम से एक ऐसा बड़ा मसला हल हुआ है, जिसने महीनों से नकदी की कमी से जूझ रहे पड़ोसी देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था. पाकिस्तान में लंबे समय से चुनाव कराने की मांग को लेकर डेडलॉक की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में एक दिन चुनाव कराने पर सहमति पाकिस्तान की राजनीति के लिए बड़ा कदम है.
जनवरी में भंग हुई थी खैबर पख्तूख्वा की विधानसभा
बता दें कि पूर्व पीएम इमरान खान के लीडरशिप वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) लंबे समय से पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में विधानसभा चुनाव आयोजित करने की मांग कर रही थी. असल में जनवरी में यहां विधानसभा भंग कर दी गई थी. पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेतृत्व वाली सरकार- नवाज (पीएमएल-एन) इसे टालने की कोशिश में लगी हुई थी. हालांकि अब सरकार का कहना है कि देश भर में प्रांतीय और संघीय चुनाव अक्टूबर में एक ही दिन होने चाहिए और इस पर सहमति बन गई है. देश में एक ही दिन चुनाव कराने के प्रस्तावों पर चर्चा के लिए गठबंधन सरकार और पीटीआई के बीच तीसरे और महत्वपूर्ण दौर की बातचीत मंगलवार रात शुरू हुई थी.
सहमति को बताया बड़ी उपलब्धि
इस बातचीत के बाद मीडिया से बात करते हुए सीनेट में सदन के नेता और संघीय वित्त एवं राजस्व मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने दो बिंदुओं पर बनी सहमति को बड़ी सकारात्मक उपलब्धि करार दिया.
डार ने कहा कि कार्यवाहक सरकारों के तहत देश भर में एक साथ चुनाव कराने को लेकर दोनों दलों के बीच सहमति थी और किसी के बीच कोई भ्रम नहीं था. उन्होंने कहा कि पृष्ठभूमि में कई चीजें थीं, जिन्होंने 18वें संविधान संशोधन, कार्यवाहक सरकारों की अवधारणा और बिना किसी विवाद के स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लिए एक साथ चुनाव सहित महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
चुनाव की तारीखों पर सहमति अभी नहीं
हालांकि, उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीख पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. उन्होंने कहा, “हमने तारीख तय कर ली है, लेकिन हम अभी तक किसी समझौते पर नहीं पहुंचे हैं.” उन्होंने देश में एक दिन के चुनाव कराने पर बनी सहमति को ‘बड़ी प्रगति’ करार दिया. मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस मामले में लचीलापन दिखाया है और अगर वे ईमानदारी के साथ इस एक संकल्प की दिशा में काम करना जारी रखते हैं, तो इस बातचीत का “तीसरा चरण (जिसमें चुनाव की तारीख पर सहमति पर बात होगी) भी सफल होगा.”
चुनाव परिणाम स्वीकार करेंगे दोनों पक्ष
वहीं, पीपीपी के यूसुफ रजा गिलानी ने कहा कि इस बात पर भी सहमति बनी है कि दोनों पक्ष चुनाव परिणामों को स्वीकार करेंगे. सरकारी पक्ष में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) से इशाक डार, ख्वाजा साद रफीक, आज़म नज़ीर तरार और सरदार अयाज़ सादिक शामिल थे और वे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और अन्य पार्टियों से यूसुफ रज़ा गिलानी और सैयद नवीद क़मर से जुड़े हुए हैं. जो कि मिलकर गठबंधन सरकार बनाते हैं.
केयरटेकर सेटअप के देखरेख में होंगे चुनाव
वहीं मुख्य विपक्षी दल पीटीआई ने अपने उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी और सीनेटर अली जफर को बातचीत के लिए मैदान में उतारा है. इस बीच, कुरैशी ने बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि उनकी पार्टी कार्यवाहक व्यवस्था के तहत उसी दिन चुनाव कराने के सरकार के प्रस्तावों पर सहमत हो गई है. लेकिन, नेशनल असेंबली और सिंध और बलूचिस्तान विधानसभाओं को भंग करने की तारीख के साथ-साथ चुनाव की तारीख पर एक समझौता होना बाकी है.
14 मई तक सभी विधानसभाओं को भंग करने की मांग
कुरैशी ने कहा कि पीटीआई ने प्रस्ताव दिया है कि देश भर में एक साथ चुनाव होने से पहले या 14 मई को इन विधानसभाओं को भंग कर दिया जाए. संसद भवन में होने वाली बातचीत मंगलवार को सुबह 11 बजे शुरू होनी थी, लेकिन रात 9 बजे तक के लिए टाल दी गई. जैसा कि दोनों पक्षों ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी, वे चुनावों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक-दूसरे के प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे.इससे पहले पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कहा कि सरकार को 14 मई तक सभी विधानसभाओं को भंग कर देना चाहिए ताकि पूरे देश में एक ही तिथि पर चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो सके. हालांकि, सरकार विधानसभा भंग करने को तैयार नहीं है.