UPPSC PCS Result 2023 Success Story: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाली आयुषी सिंह यूपीपीएससी 2022 में 62वीं रैंक प्राप्त की है, जिसके बाद पूरे शहर में उनकी चर्चा है. वजह उनके पिता योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा हैं जिनकी साल 8 साल पहले कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शहर में पिता की पहचान एक बदमाश की थी लेकिन अब परिवार की पहचान बेटी आयुषी की सफलता बन रही है. हालांकि इसके पीछे आयुषी के पिता की बड़ी भूमिका है, क्योंकि योगेंद्र सिंह अपनी बेटी को अफसर बनाने का सपना देखते थे. आज उनकी बेटी ने उसे पूरा कर दिया है और वह यूपीपीएससी पीसीएस 2022 की परीक्षा क्लियर कर डिप्टी एसपी पद के लिए चुनी गई हैं.
कौन थे आयुषी सिंह के पिता?
आयुषी के पिता योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा मुरादाबाद के डिलारी के पूर्व ब्लाक प्रमुख थे. मार्च 2013 में छात्र नेता और शार्प शूटर रिंकू चौधरी की हत्या हुई थी जिसमें योगेंद्र सिंह ने खुद कोर्ट में सरेंडर किया था. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आयुषी के पिता पर रिंकू की हत्या के अलावा भी कई अपराधिक मामले दर्ज थे. साल 2015 में उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए लाया जा रहा था, तभी रिंकू के भाई सुमित और उसके साथियों ने पुलिस कस्टडी में योगेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस समय आयुषी 11वीं क्लास में पढ़ रही थीं.
पिता की हत्या के बाद ठान लिया अफसर बनूंगी
आयुषी पिता की हत्या को पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन का बहुत बड़ा फेलियर मानती हैं. उनका कहना है कि पूरे पुलिस विभाग एडमिनिस्ट्रेशन के सामने मेरे पिता की हत्या हुई थी. मैं आगे जाकर पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन में अपना योगदान देना चाहती हूं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो.
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स्टार्टिंग से मेरे पापा चाहते थे कि मैं एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ जाऊं इसीलिए 12वीं तक तो मेरे पर साइंस स्ट्रीम थी लेकिन मैंने ग्रेजुएशन आर्ट्स से की ताकि मैं अपने पापा के सपने को पूरा कर पाऊं. थोड़ी-थोड़ी प्रिपरेशन ग्रेजुएशन से शुरू की थी लेकिन जो ठीक से प्रिपरेशन शुरू हुई थी वह मास्टर से स्टार्ट से हुई थी. इसी बीच मैंने जून 2020 मैं यूजीसी नेट भी क्वालीफाई किया है.
रोजाना इतने घंटे पढ़ती थी आयुषी
मुरादाबाद के आशियाना कॉलोनी को रहने वाली आयुषी सिंह के यूपीपीएससी पीसीएस 2022 में 62वीं रैंक प्राप्त की है. उन्होंने दिल्ली में कोचिंग लेकर 6-7 घंटे की पढ़ाई रोजाना पढ़ाई करते हुए अपने दूसरे अटेम्प्ट में यूपीपीएससी क्लियर कर लिया, आयुषी का लक्ष्य आईपीएस बनना है.
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आयुषी ने बताया कैसे की तैयारी, क्या स्ट्रेटर्जी रही?
आयुषी ने बताया कि पहले मैंने मेंस पर फोकस किया था अल्टीमेटली जो हमारी रैंक फीमेल स्टडी कंप्लीट है होती है तो मैंने बुक से मींस को कंप्लीट किया उसके बाद मैंने प्रीलिम्स से 3 महीने पहले स्ट्रैटेजी बनाई और दूसरे अटेम्प्ट में क्लियर कर दिया. इससे पहले प्रीलिम था जो 3 मार्क्स से क्वालीफाई नहीं हो पाया था यह मेरा पहला मेन्स था और पहला इंटरव्यू.
क्रेडिट किसको देना चाहती हैं?
इसका क्रेडिट पहले पूरी मेरी फैमिली को जाता है, मेरे भाई को जाता है. इसके बाद मेजर क्रेडिट टेस्ट वर्ल्ड इंस्टीट्यूट को देना चाहती हूं. रोहित सर को देना चाहती हूं, जिन्होंने मेंस की पूरी जन्म में मेरी बहुत मदद की है. उन्हें मुझपर पूरा विश्वास था कि मैं अच्छी रैंक लाऊंगी.
असफल कैंडिडेट्स के लिए जरूरी सलाह
जब हम मेंटली प्रिपेयर हों कि हमें इस फील्ड में जाना है तब इस एग्जाम की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. इससे पहले मुझे यह भी लगता है एक बैकअप ऑप्शन जरूर होना चाहिए. क्योंकि सिविल सर्विसेज की जर्नी में बहुत अप-डाउन वाली है. बहुत पेशेंस चाहिए, एक बैकअप रहता है तो एक कॉन्फिडेंस भी रहता है. ग्रेजुएशन के साथ अपना बेस क्लियर कीजिए और प्रिपरेशन में लग जाइए.
क्लियर ना होने पर कैंडिडेट्स डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं उससे कैसे बचें?
लाइफ के अपने रूल्स हैं. लाइफ में हर किसी के लिए कुछ ना कुछ अलग है. आजकल सोसाइटी का प्रेशर कितना बढ़ गया है कि मुझे लगता है सिविल सर्विस ही सब कुछ है, ऐसा नहीं है. स्टार्टअप का इतना स्कोप है, हार नहीं माननी चाहिए, अल्टीमेटली खुशी मैटर करती है.
IIT दिल्ली से पढ़ाई कर रहा है भाई
आयुषी के घर में उनकी दादी दादा उनकी मां और उनका भाई रहता है. उनका भाई इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली से एमटेक कर रहा है. आयुषी कहती हैं कि उनके भाई ने इस जर्नी में उनका पूरा साथ दिया है.