Bhai Dooj 2022 Tilak Timings: दिवाली पर्व के आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. भाई दूज का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. साथ ही भाई भी बहनों को उपहार देते हैं. इस साल दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने की वजह से गोवर्धन पूजा और भाई दूज के त्योहारों की डेट बदल गई हैं. ऐसे में बहुत से लोगों ने 26 अक्टबूर को गोवर्धन पूजा के दिन भी भाई दूज का त्योहार मनाया. लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जो आज 27 अक्टूबर को भाई दूज का त्योहार मना रहे हैं.
अगर आप भी आज ही भाई दूज का त्योहार मना रहे हैं तो बता दें कि कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से लेकर 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी.12 बजकर 45 मिनट के बाद तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी. भाई दूज के दिन कुछ खास उपाय करने से आप भाई के जीवन में आने वाले सभी कष्टों को दूर कर सकती हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में –
भाई दूज के उपाय (Bhai Dooj Ke Upay)
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तिलक लगाते समय इस दिशा में हो भाई का मुख- तिलक करते हुए इस बात का खास ख्याल रखें कि भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. इस दिन भाई बहनों के घर भी जाते हैं. माना जाता है कि इस दिन बहनों के घर पर खाना खाने से रिश्तों में मिठास आती है.
कमल की पूजा- भाई दूज के दिन कमल के फूल की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. इस दिन कमल के फूल की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और इसे भाई को उपहार के रूप में देना चाहिए. इससे भाई को सफलता प्राप्त होती है.
यमुना स्नान- माना जाता है कि भाई दूज के दिन भाई और बहन को यमुना स्नान जरूर करना चाहिए. अगर आप किसी कारणवश यमुना स्नान नहीं कर पाए हैं तो शुद्ध जल के छींटे अपने ऊपर छिड़कें.
गोमती चक्र पर लिखें ये- माना जाता है कि भाई दूज के दिन गोमती चक्र पर केसर और चंदन से ‘श्री ह्रीं श्री’ लिखकर उसे पूजा में शामिल करें. पूजा के बाद इन्हें तिजोरी में रख दें. माना जाता है कि इससे धन की कमी नहीं होती.
अष्टगंध का लगाएं तिलक- रक्षाबंधन के पर्व में जहां बहनें भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं वहीं, भाई दूज के दिन भाई को तिलक लगाने की परंपरा है. माना जाता है कि इस दिन तिलक में रोली की बजाय अष्टगंध का तिलक लगाना काफी शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इससे भाई व बहन दोनों के सुखों में बढ़ोतरी होती है.
दक्षिणामुखी दीपक जलाएं- भाई दूज मनाने के बाद शाम में बहनें अगर दक्षिण मुखी दीपक जलाती हैं तो इसे काफी शुभ माना जाता है. इस दीपक को सरसों के तेल से जलाएं. ऐसा करने से भाई और बहन के जीवन की सभी परेशानियां और कष्ट दूर हो जाते हैं.