टीम इंडिया क्रिकेट कैलेंडर-2023 में प्रवेश कर चुकी है. नया साल शुरू होते ही भारतीय टीम अपने घर में मैदान पर उतर चुकी है. मौजूदा टी20 सीरीज में श्रीलंकाई टीम के विरुद्ध युवा खिलाड़ियों को उतारने का फैसला किया गया. सारी निगाहें एक ऐसी टीम इंडिया पर है, जिसमें नियमित कप्तान रोहित शर्मा के अलावा विराट कोहली और केएल राहुल जैसे अनुभवी धुरंधर नहीं हैं. सीमित ओवरों के क्रिकेट में भविष्य के कप्तान के तौर पर देखे जा रहे हार्दिक पंड्या को खुलकर खेलने का बेहतरीन अवसर मिला है.
पिछले साल की असफलताओं को भुलाते हुए कोच राहुल द्रविड़ टीम इंडिया को अब उस रास्ते पर डाल चुके हैं, जहां सीमित ओवरों के क्रिकेट और लंबे प्रारूप (टेस्ट क्रिकेट) की प्राथमिकताएं अलग-अलग होगीं. ऐसा प्रयास निश्चत तौर पर सराहनीय माना जा सकता है, क्योंकि भविष्य की चुनौतियों से पार पाने के लिए रणनीति स्पष्ट और दूरगामी होनी चाहिए. इसी साल अक्टूबर-नवंबर में वनडे वर्ल्ड कप खेला जाएगा, जिसका मेजबान खुद भारत है. इसके बाद अगले साल यानी 2024 में टी20 वर्ल्ड कप में टीमें खुद को आजामाएंगी.
WTC: ऑस्ट्रेलिया से पार पाना बड़ी चुनौती
सम्बंधित ख़बरें
लेकिन इन दो वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (ICC World Test Championship) की खिताबी रेस में पहुंचने के लिए जोरदार मशक्कत करनी पड़ेगी. इसी साल 23 जून से लंदन के ओवल में इसका फाइनल संभावित है, जहां टॉप-2 टीमें एक-दूसरे से भिड़ेंगी. फिलहाल भारत के सामने लक्ष्य उतना आसान नहीं है. टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने मैदान पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है, जिसका आगाज 9 फरवरी से होना है. ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंचने की दौड़ में सबसे आगे है.
फिलहाल दूसरे स्थान पर कायम भारतीय टीम को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. अगर-मगर के फेर में फंसने से बचने के लिए भारत के सामने जीत का लक्ष्य काफी बड़ा है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार में से कम से कम तीन टेस्ट जीतने पर भारतीय टीम चैम्पियनशिप फाइनल के लिए क्वालिफाई कर जाएगी. यदि टीम इंडिया तीन टेस्ट जीतती है, तो वह अपने WTC अभियान का समापन 62.5% या अधिक अंकों के साथ करेगी, जो दूसरा स्थान हासिल करने के लिए पर्याप्त होगा. अगर भारत 3-0 से नहीं जीत पाया तो परिदृश्य थोड़ा जटिल हो जाएगा. 2-0 से जीतने पर यह दुआ करनी होगी कि श्रीलंकाई टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में एक से अधिक मैच नहीं जीते.
… खिलाड़ियों के बड़े पूल को ऐसे आजमाएंगे
भारत के पास मौजूद खिलाड़ियों के बड़े पूल के बेहतर इस्तेमाल के लिए चरणबद्ध रणनीति समय की मांग है. तीनों फॉर्मेट और उनकी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कड़े फैसले लेने होंगे. इस दिशा में कोच द्रविड़ कदम उठा चुके हैं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि टीम अगले टी20 वर्ल्ड कप के लिए तैयार की जा रही है. उन्होंने विराट कोहली, रोहित शर्मा और केएल राहुल के लिए इस प्रारूप में दरवाजे बंद होने का संकेत देते हुए कहा कि युवाओं के साथ संयम से काम लेने की जरूरत है और टीम प्रबंधन को चाहिए कि उनका साथ देता रहे.
कोच द्रविड़ ने अपनी प्राथमिकताएं तय कर दी हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि इस साल वनडे विश्व कप होना है, उस पर अधिक फोकस रहेगा. उसके बाद विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप है. ऐसे में टी20 मैचों में युवाओं को मौके दिए जा सकते हैं. भारत ने श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज सीरीज में शिवम मावी, उमरान मलिक जैसे युवाओं को मौका दिया. मावी न केवल अपनी गेंदों से बल्कि बल्ले से भी खुद को साबित करने की कोशिश की. मावी ने उन दिनों की याद ताजा कर दी, जब कोई तेज गेंदबाज बल्ले से भी अपनी जौहर दिखाने में आगे रहता था.
भविष्य के तेज गेंदबाज- उमरान और मावी
उमरान मलिक लगातार प्रभावित कर रहे हैं. अपनी तेजी से बल्लेबाजों को छकाने की उनकी कोशिश कामयाब होती दिख रही है. उमरान और मावी को इसी सीरीज में अब तक काफी कुछ सीखने को मिला है. अब उन्हें अनुभव की जरूरत है. यह भी तय है कि युवा खिलाड़ी दबाव में जरूर बिखरेंगे, ऐसे में टीम प्रबंधन को भरोसा नहीं छोड़ना चाहिए. चोटों से उबरकर टीम में लौटे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने सीरीज के दूसरे टी20 मुकाबले में अपने दो ओवरों में 5 नो-बॉल डाली थीं.
श्रीलंका के विरुद्ध सीरीज के दौरान टीम इंडिया ने पहला मैच जीता, जबकि दूसरा गंवाया. इसके बावजूद कोच द्रविड़ स्पिन ऑलराउंडर विभाग के प्रदर्शन से खुश नजर आए. जाहिर है अक्षर पटेल की बल्लेबाजी ने टीम को मजबूत बनाया है. रवींद्र जडेजा जल्दी ही टीम में होंगे. वॉशिंगटन सुंदर भी टीम का हिस्सा होंगे. द्रविड़ ने उम्मीद जताई है कि स्पिन हरफनमौला विभाग में भारत और मजबूत हो जाएगा. जाहिर टी20 जैसे मुकाबलों में जल्दी-जल्दी झटके लगने के बावजूद उम्मीदें टूटेंगी नहीं, बल्कि निचले क्रम पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी टीम के काम आएगी. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि टीम इंडिया के पास अब विकल्पों की भरमार होगी.