यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने जानकारी दी है कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) इस वर्ष एक दिन में 2 के बजाय 3 शिफ्ट में आयोजित किया जाएगा. इसके साथ ही इसे JEE और NEET जैसी महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं के साथ मर्ज करने का भी प्लान बनाया जा रहा है. चेयरमैन ने कहा कि इन एंट्रेंस टेस्ट के विलय की जानकारी कम से कम 2 साल पहले दी जाएगी.
PTI को दिए एक साक्षात्कार में, चेयरमैन ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि सीयूईटी-यूजी का दूसरा सेशन किसी भी गड़बड़ी से मुक्त हो. उन्होंने कहा, ‘पिछले साल छात्रों के अनुभव के संबंध में, मैं मानता हूं कि कुछ केंद्रों में गड़बड़ियां थीं और इस साल हम छात्रों के अनुभवों से संबंधित सभी मुद्दों का ध्यान रख रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस बार छात्रों को केवल परीक्षा पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी संभावित गड़बड़ी पर नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘हम पहले से केंद्रों की पहचान करके और कंप्यूटर, बैंडविड्थ, केंद्रों में तकनीकी कर्मियों सहित उपलब्ध बुनियादी ढांचे को देखकर ऐसा कर रहे हैं, ताकि दूसरा सेशन गड़बडी से मुक्त हो.’ परीक्षा का दूसरा सेशन, देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएट कोर्सेज़ में एडमिशन के लिए 21 से 31 मई तक आयोजित किया जाना है.
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उन्होंने यह भी कहा कि प्लान B के तहत अतिरिक्त कंप्यूटर और अतिरिक्त केंद्रों की व्यवस्था की गई है ताकि कोई भी गड़बड़ी होने पर उम्मीदवारों को वहां ट्रांस्फर किया जा सके और किसी विशेष पाली की परीक्षा रद्द न करनी पड़े. उन्होंने साफ किया कि परीक्षा का कार्यक्रम इस तरह से तय किया गया है कि इस साल से एकेडमिक कैलेंडर को पटरी पर लाया जा सके
मर्ज होंगी JEE, NEET और CUET परीक्षा
CUET को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE और मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET के साथ विलय करने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह निश्चित रूप से करने योग्य है. इस पर विचार किया जा रहा है, लेकिन जब भी विलय होता है, तो इसकी घोषणा कम से कम 2 साल पहले की जाएगी. छात्र उसी के अनुसार तैयारी कर सकेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा होने से छात्रों पर बोझ कम होगा. हमने छात्रों को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए विचार किया कि NEP ने ऐसा प्रस्ताव दिया है और आने वाले वर्षों में इसकी संभावना है. हम आंतरिक रूप से काम कर रहे हैं कि इसे कैसे आगे बढ़ाया जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय समेत कई हितधारकों से सलाह भी ली जा रही है.’
नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूलें में होगा सुधार
उम्मीदवारों के स्कोर के ‘नॉर्मलाइज़ेशन’ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के दौरान किसी भी गड़बड़ी को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. बता दें कि नॉर्मलाइजेशन के चलते पिछले वर्ष कई कैंडिडेट्स के स्कोर उनके मूल स्कोर से कम हो गए थे, जिसके चलते उन्हें पसंद का कॉलेज पाने में परेशानी भी हुई थी.
चेयरमैन ने कहा, ‘परीक्षा का शेड्यूल इस साल डेढ़ महीने के बजाय 10 दिनों का कर दिया गया है ताकि नॉर्मलाइजेशन में किसी भी तरह की त्रुटि को कम किया जा सके, क्योंकि जब परीक्षा अधिक समय तक आयोजित की जाती है तो भिन्नता अधिक होती है.’ बता दें कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान, IIT दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों वाले एक पैनल द्वारा ‘इक्विपरसेंटाइल फॉर्मूले’ का उपयोग करके नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस तैयार किया गया है.
3 कैटैगरी में बंटे हैं CUET के सेंटर्स
उन्होंने कहा, ‘हमने सीयूईटी एग्जाम सेंटर्स को कैटेगरी A, B और C में बांटा है. कुछ केंद्र जहां हमें पिछले साल समस्याओं का सामना करना पड़ा था, उन्हें C कैटेगरी में रखा गया है और इस बार हम उन परीक्षा केन्द्रों का उपयोग नहीं करेंगे. कैटेगरी B में ऐसे सेंटर्स होंगे जहां हमें केंद्रों को संभालने की जरूरत है और कुछ जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. कैटेगरी A के परीक्षा केंद्र बिल्कुल ठीक हैं.’